रविवार, 26 जून 2022

किचन इज लर्निंग स्टेशन



गर्मी की छुट्टी,
         मौज बहुत्त आई!
भई! गर्मी की छुट्टी है ,
      मौज बहुत्त आई। 
 छुट्टे पसीने हैं ,
        प्यास बड़ी। 
बना लूँ मैं लस्सी ,
        या छांछ -दही। 
गर्मी की छुट्टी है मौज बड़े,
        माँ तेरे रसोई मे मंजे बड़े। 
किताबों के पन्नों ने मुझको रटाया,
         माँ! तेरी रसोई में सब सीख पाया। 
पुस्तक के पन्नों पर बने जो इमेज।,
          माँ! तेरी रसोई से सीखा मैंने मैथ। 
रोटी की गोलाई,पराठे की मोटाई,
          पिज़्ज़ा की त्रिज्या ने कसरत करा दी। 
ट्रेंगुलर पराठे ने कोण जो बनाया ,
         कोण के कोनो पर, 
सौस की बूंदों से मैंने सजाया। 
        तेरे पराठे ने अक्षांश सिखाया ,
न्यून व अधिक कोण मैं सीख पाया। 
       किताबों के पन्नों ने मुझको रटाया,
माँ तेरी रसोई में सब सीख पाया। 
      माँ तेरी रसोई है लर्निंग स्टेशन ,
मैंने तो सीखें हैं यहीं पर फ्रैक्शन। 
     तेरी रसोई माँ है प्रयोगशाला ,
इन्ही से सीखूं मैं पाठ सारा। 

                                -अनुपमा उपाध्याय त्रिपाठी 


* we do not own the illustration

       

        

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