"दोस्ती"
दोस्त अच्छे होते है। ,
खामोश जब शब्द हों ,
राह में चुभन हो,
गर्दिश में तारें हों ,
अंधकार में डूबा मन हो,
शाखें वीरान हों ,
पत्तियों में भी ताप हो,
हवाओं में चुभन हो ,
बारिश में जलन हो,
ऐसे में तुम्हारा आना,
यूँ मुश्किलों को संभालना,
रात-दिन में बदल जाता है,
तारे- टिमटिमाते हैं,
जुगनू -झिलमिलाते हैं,
घनी-शाखें बाहें फैलाए,
पत्तियां छतरी ताने,
हर-लेते तपन सारे,
तेरा होना-तेरा आना ,
बारिश की रिमझिम-बूँदे बन,
खिला देते पुष्प यूँ ,
खिल जाता मन घुमड़ कर,
मिट जाती है बदली दुःख की,
नैनों से नीर भी फिसल जातीं अपलक।
मित्र तुम्हारा आना,
यूँ ढाढ़स-भरा मुस्कुराना,
नजरों का यूँ -बोलना,
महक सोंधीं मिटटी की,
बिखेरती ये एहसास है।
तू पाक भी है ,
तुझमे नूर भी है,
सुख -समृद्धि की पहचान भी है।
तू सच्चा है ,
तू मोहक है ,
तेरा रिश्ता भी एक नूर है।
अनुपमा उपाध्याय त्रिपाठी
*we do not own the illustrations. digital art from freelancer.com
Its a nice blog keep going 👌👌
जवाब देंहटाएंहमेशा कोशिश करते रहिए की और बढ़िया करे।🤗👍
Thanks
जवाब देंहटाएंThanks
जवाब देंहटाएंWow
जवाब देंहटाएंThanks
हटाएंLajawab 👏👏👏👏
जवाब देंहटाएंThanks
हटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंThanks
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