एक दीप जलाएं हम।
इन अँधेरी रातों में,
चल एक दीप जलाएं हम।
तेरे दीए मेरे दीए,
झिलमिल -झिलमिल की लौ करके।
रातों की अँधेरी तलछट को,
अपनी लौ से रोशन कर दें।।
-अनुपमा उपाध्याय त्रिपाठी
*we do not own the illustrations. The image was taken from fineartamerica.com
👍
जवाब देंहटाएं😊 Thanks
हटाएंBohot sundar kavita
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